KU से संबंधित सभी कॉलेजों में लागू होगी एक नई शिक्षा नीति

KU कुरुक्षेत्र :- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से संबंधित सभी कॉलेजों में भी नई शिक्षा नीति को लागू किया जाएगा। इस नई शिक्षा नीति को लागू करने से पहले शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय कोर कमेटी कॉलेजों के प्राचार्य व संकाय के अधिष्ठाता की बैठक हुई थी। हाल ही में हुई इस बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्नातक स्तर पर शिक्षा की रूपरेखा प्रस्तुत की गई थी। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा है कि एनपी के अनुरूप बनाए फ्रेमवर्क में हर विद्यार्थी को स्किल डेवलपमेंट इंटर्नशिप के माध्यम से रोजगार के लिए शिक्षा देने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए 3scale इंफोर्समेंट कोर्स, भारतीय मूल्य एवं ज्ञान आधारित 4 value-added कोर्स और भाषा में संचार प्रवीणता हासिल करने के लिए चार एबिलिटी एनहैंसमेंट कोर्स का प्रावधान किया गया है।

KU विद्यार्थियों के लिए बैठक में हुई घोषणा

हाल ही में हुई बैठक में यह घोषणा की है कि आने वाले सत्र से यूजी विद्यार्थी स्नातक स्तर पर एक मेजर विषय एक माइनर विषय या फिर 2 मेंजर प्रोग्राम के तहत शिक्षा हासिल कर पाएंगे। प्रत्येक प्रोग्राम में 9 क्रेडिट मल्टीडिसीप्लिनरी कोर्स 8 क्रेडिट एबिलिटी इन्हांसमेंट कोर्स स्किल इंहांसमेंट कोर्स 8 वैल्यू ऐडेड कोर्स शामिल किए जाएंगे। अब से विद्यार्थियों को 1 वर्ष 2 वर्ष या 3 वर्ष के बाद एग्जिट ऑप्शन दिया जाएगा। जो भी विद्यार्थी किसी भी फील्ड में सर्टिफिकेट डिप्लोमा या डिग्री को प्राप्त करना चाहता है उससे पहले 4 क्रेडिट की इंटर्नशिप करना जरूरी होगा ,जिसकी अवधि 4 से 6 सप्ताह तक होगी।

KU आसपास के सभी कॉलेज के प्रोफेसर थे बैठक में मौजूद

वहां पर मौजूद कोर कमेटी के सदस्य प्रोफेसर बृजेश साहनी, प्रोफेशन अनीता दुआ, प्रोफेशन ओमवीर सिंह, डॉ सुमन मेहंदिया, प्रोफेसर दिनेश कुमार, प्रोफेसर संजीव गुप्ता, एसडी कॉलेज अंबाला के प्रिंसिपल डॉ राजेंद्र राणा, आरकेएसडी कॉलेज कैथल के प्रिंसिपल डॉ संजय गोयल, डीएवी कॉलेज पिहोवा के प्रिंसिपल डॉ कामदेव झा, D.A.V. कॉलेज फॉर गर्ल्स यमुनानगर की प्राचार्य डॉक्टर मीनू जैन, दयाल सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल और एसडी कॉलेज पानीपत के प्रतिनिधि इस बैठक में मौजूद थे।

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KU अब से कॉलेज में ऑनर्स विद रिसर्च भी कर सकेंगे विद्यार्थी

डीएन एकेडमिक अफेयर्स प्रोफेशनल अनिल वशिष्ठ का कहना है कि अगर विद्यार्थी अब कॉलेज में एक मेजर या माइनर प्रोग्राम को चुनता है तो उसे मेजर विषय में 60 क्रेडिट अर्जित करने होंगे। साथ ही जो उसने माइनर विषय चुना है उस विषय में उसे 26 क्रेडिट अर्जित करने होंगे। इस प्रकार पूरे 3 साल की स्नातक डिग्री हासिल करने से पहले विद्यार्थी को कुल 124 क्रेडिट अर्जित करने होंगे। इसके बाद ही विद्यार्थी को 3 साल की डिग्री की पात्रता मिलेगी। अगर कोई विद्यार्थी एक मेजर एक माइनर की जगह दो मेजर प्रोग्राम को चुनता है तो उसे प्रत्येक मेजर विषय में 48 क्रेडिट अर्जित करने के साथ कुल 134 क्रेडिट अर्जित करने के बाद 3 वर्षीय स्नातक डिग्री मिलेगी। एमपी 2020 के अनुसार विद्यार्थी अब 4 वर्षीय डिग्री प्रोग्राम ऑनर्स के साथ-साथ ऑनर्स विद रिसर्च भी कर पाएंगे। ऑनर्स विद रिसर्च डिग्री प्रोग्राम के लिए 3 वर्षीय डिग्री में 7.5 सीजीपीए होना अनिवार्य है।

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