Medical News : वायु प्रदूषण बना बच्चों के मस्तिष्क विकास के लिए बहुत बड़ा खतरा

Medical News : नई दिल्ली :- दिन प्रतिदिन वायु प्रदूषण की मात्रा बढ़ती जा रही है। वायु प्रदूषण से न केवल बड़ों को बल्कि बच्चों को भी काफी परेशानी होती है। वायु प्रदूषण से बच्चों के दिमागी विकास को बहू खतरा होता है। नवजात शिशु के प्रदूषण के संपर्क में आने से उनके मास्तिष्क पर दुष्प्रभाव पड़ता है। इसी कारण बड़े होने के बाद भी उनके अंदर अवसाद और चिंता रहती हैं।

Medical News : वायु प्रदूषण है अवसाद और चिंता का कारण

शोधकर्ताओं का कहना है कि वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से नवजात शिशुओं के मस्तिष्क पर गहरा असर होता है। वायु प्रदूषण का शिशु के मस्तिष्क पर इतना गहरा असर होता है कि उनके मानसिक विकास में खतरा पैदा हो सकता है। इससे बच्चे में मनोरोग संबंधित काफी सारी बीमारियां भी हो सकती हैं। एक या 2 दिन के नवजात बच्चे पर वायु प्रदूषण का सबसे ज्यादा गहरा प्रभाव होता है।

Medical News : वायु प्रदूषण बना बच्चों के मस्तिष्क विकास के लिए बहुत बड़ा खतरा

Medical News : बच्चों की मानसिकता पर होता है गहरा असर

एनवायरमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव जनरल में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि प्रदूषित वातावरण में जिन बच्चों का लालन-पालन हुआ है उन बच्चों को चिंता और आतम अवसाद से संबंधित बीमारियां सबसे ज्यादा पाई जाती हैं। अमेरिका की सिनसिनाटी यूनिवर्सिटी के कॉल ब्रोकैंप जो इस अध्ययन के प्रमुख लेखक हैं उनका कहना है कि जो बच्चे स्लम एरिया के आसपास रहते हैं उन बच्चों पर वायु प्रदूषण का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है। काफी सारे हॉस्पिटल मेडिकल रिसर्च सेंटर के शोधकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने 3 अध्ययनों से बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और वायु प्रदूषण के बीच संबंध पाया है। वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारक ट्रैफिक की वजह से हो रहा प्रदूषण है। इस प्रदूषण के कारण बच्चों में तनाव और चिंता की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।

Medical News : इस तरह से किया गया शोध

शोधकर्ताओं के एक अध्ययन से पता लगा है कि ट्रैफिक के वजह से जो वायु प्रदूषण होता है उससे बच्चों के मस्तिष्क में पड़ने वाले प्रभावों को न्यूरोइमेजिंग कहा जाता है। इससे यह पता लगता है कि इस प्रदूषण की वजह से मस्तिष्क के तंत्रिका तंत्र में भी गहरा प्रभाव पड़ता है, जिससे मस्तिष्क में सूजन आती है। इस ट्रैप प्रदूषण का ज्यादा प्रभाव खास तौर पर जन्म के बाद के शुरुआती दिनों मैं होता है। बड़े होने के बाद भी बच्चों में चिंता की बीमारी पाई जाती है।

Medical News : वायु प्रदूषण से होते हैं हृदय रोग

बीते दिनों में भी एक शोध किया गया था जिससे पता लगा है कि हृदय की बढ़ती बीमारियों का एक प्रमुख कारण वायु प्रदूषण है। हृदय की बीमारियों का सबसे बड़ा कारण ट्रैक नहीं बल्कि घर में होने वाला वायु प्रदूषण है। यह अध्ययन प्रोस्पेक्टिव अर्बन एंड रूरल एपिडेमियोलॉजिक द्वारा किया गया था। इस अध्ययन से पता लगा है कि हृदय रोग के 12 फ़ीसदी मामले घरेलू प्रदूषण की वजह से होते हैं। मध्य आय वाले देशों जिनमें भारत भी शामिल है ऐसे देशों में हृदय रोग का एक और प्रमुख कारण हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप भी है।

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