NCERT किताब से हटाया गया देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद का नाम

Ncert नई दिल्ली:- आए दिन देखा जाता है की एनसीईआरटी की किताबों में हर साल कुछ ना कुछ बदलाव किया जाता है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने इतिहास समेत स्कूलों की पाठ्य पुस्तकों से कई अध्याय और तत्वों को हटाया है। हाल ही में नई जानकारी से पता लगा है कि अब से एनसीईआरटी की किताबों में देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम से जुड़े अंश को भी पुस्तकों से हटा दिया गया है।

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NCERT की किताबों में किया गया बदलाव

हाल ही में खबर आई है कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने एनसीईआरटी की किताबों में काफी सारे पुराने अध्याय और तत्व को हटा दिया है। इन पुराने तथ्यों में देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद से जुड़े अंश को भी पुस्तकों से हटा दिया है।

NCERT जम्मू कश्मीर के अनुच्छेद 370 को भी हटाया गया

एनसीईआरटी द्वारा यह बदलाव ग्यारहवीं क्लास की पॉलिटिकल साइंस की पाठ्यपुस्तक में किया गया है। इसके अलावा स्कूल की काफी सारी पाठ्य पुस्तकों में जम्मू-कश्मीर के अनुच्छेद 370 को सुरक्षित रखने के अंश को भी हटा दिया गया है।

महात्मा गांधी और गोडसे से जुड़ी जानकारी को भी हटाया गया

एनसीईआरटी द्वारा 12 वीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक से मुगलों और 11वीं कक्षा की किताब से उपनिवेशवाद से संबंधित काफी सारे अंशु को भी हटाया गया था। इसके बाद गांधी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े कुछ तथ्य को भी पुस्तकों से धीरे-धीरे करके हटाया गया था। एनसीईआरटी की किताबों से महात्मा गांधी और गोडसे से जुड़ी जानकारी को भी हटाया गया है। पुली पाठ्य पुस्तकों में किए गए इन बदलावों पर एनसीईआरटी का कहना है कि यह बदलाव अब नहीं किए हैं बल्कि यह सब बदलाव पिछले साल जून में ही कर दिए गए थे।

NCERT  काफी सारे इतिहासकार व शिक्षाविद हुए नाराज

एनसीईआरटी द्वारा पुस्तकों में किए जाने वाले बदलाव से काफी सारे इतिहासकार व शिक्षाविद नाराज हैं और साथ ही इन्होंने एनसीईआरटी की आलोचना भी की है। इतिहासकारों ने बताया है कि स्कूल की पाठ्य पुस्तकों से अध्याय व्यास हटाकर विभाजन कारी और पक्षपात पूर्ण कदम उठाए है। इतिहासकारों ने इस निर्णय को वापस लेने की मांग की है।

NCERT एक्सपर्ट एडवाइज के आधार पर हुए यह बदलाव

एनसीईआरटी का कहना है कि जो बदलाव किया गया है वह किसी को खुश या नाराज करने के उद्देश्य से नहीं किया है। एनसीईआरटी के चीफ दिनेश प्रसाद का कहना है कि किताबों में यह बदलाव एक्सपर्ट एडवाइज के आधार पर किए गए हैं। एनसीईआरटी आबू राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर सभी कक्षाओं के लिए नई पुस्तकें लाएगा‌। फाउंडेशन स्तर पर नई पुस्तक बनाने का काम पूरा हो गया है।

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