HARYANA PROTEST RULES : पंचकूला में अब से अपने मनमर्जी से नहीं कर पाएंगे प्रदर्शन, लेनी होगी अनुमति

HARYANA PROTEST RULES : चंडीगढ़ :- काफी बार सुनने में आता है कि कर्मचारी, राजनेता या अन्य संगठन अपनी मांग को मनवाने के लिए धरना प्रदर्शन करते हैं। लेकिन अब से चंडीगढ़ में धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। मांगों को लेकर अगर कर्मचारी, राजनेता या अन्य संगठन पंचकूला में धरना प्रदर्शन करना चाहते हैं तो उसके लिए उन्हें सरकार से अनुमति लेनी होगी। धरना प्रदर्शन करने से दस दिन पहले सरकार को सूचना देनी होगी। की बार धरना प्रदर्शन हिंसक का रूप धारण कर लेता है और जान माल का नुकसान हो जाता है, लेकिन अब से यह नियम बनाया गया है कि अगर प्रदर्शन हिंसक हुआ और जानमाल का नुकसान हुआ तो उसकी सारी भरपाई आयोजकों द्वारा की जाएगी।

HARYANA PROTEST RULES :

HARYANA PROTEST RULES : अब से पंचकूला में नहीं कर पाएंगे धरना प्रदर्शन

चंडीगढ़ पंचकूला काफी लंबे समय से धरना प्रदर्शन का केंद्र बना हुआ है। कुछ समय पहले भी पंचायतों में ई टेंडरिंग के विरोध और पुरानी पेंशन बहाली सहित अन्य मांगों को लेकर चंडीगढ़ पंचकूला बॉर्डर पर लोगों ने धरना दिया हुआ था, जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। काफी लंबे समय तक चले इस धरना प्रदर्शन के मामले को हाईकोर्ट में पहुंचाया गया जिसके बाद अदालत ने सरकार को पंचकूला में प्रदर्शन को लेकर मानक संचालन प्रणाली बनाने के निर्देश जारी किए हैं। हाई कोर्ट का कहना है कि अब से पंचकूला में धरना देने से पहले लोगों को सरकार से अनुमति लेनी होगी। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक पीके अग्रवाल ने इस संबंध में एसओपी जारी कर दी है इस एसओपी को पंचकूला प्रशासन, हरियाणा पुलिस और चंडीगढ़ प्रशासन के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से तैयार किया है।

HARYANA PROTEST RULES : पंचकूला के डिविजनल मजिस्ट्रेट से लेनी होगी 10 दिन पहले अनुमति

एसओपी के अनुसार जो भी संगठन पंचकूला में रैली करना चाहता है या फिर किसी बात का विरोध प्रदर्शन करना चाहता है तो उसे पंचकूला के डिविजनल मजिस्ट्रेट के पास 10 दिन पहले ही लिखित आवेदन भेजना होगा। अगर रैली के लिए अनुमति मिल जाती है तो ही लोग रैली या फिर मोर्चा निकाल सकते हैं। अनुमति के बिना रैली, विरोध, धरना स्थल पर किसी भी लाउडस्पीकर या सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली का उपयोग करना कानूनी जुर्म है।

HARYANA PROTEST RULES : आयोजकों को देना होगा चल अचल संपत्ति का पूरा विवरण

धरना देने से पहले आयोजकों को अपनी चल अचल संपत्ति का विवरण भी देना होगा। अगर प्रदर्शनकारियों की संख्या दो हजार से ज्यादा पहुंच जाती है तो इसके लिए आयोजकों को फायर की मांग करनी होगी। अगर धरना देते समय हिंसा हो जाती है या जान माल का नुकसान होता है तो उसकी क्षतिपूर्ति के लिए आयोजक स्वयं जिम्मेदार होंगे।

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