HARYANA SWAMITVA YOJANA : 100 गज की जमीन पर ही मिलेगा मालिकाना हक, देना होगा प्रॉपर्टी टैक्स

HARYANA SWAMITVA YOJANA :- हरियाणा में स्वामित्व योजना के तहत सरकार अब शहरों में नगर निकाय के बाद दूसरे विभागों की जमीन या प्रॉपर्टी के किरायेदारों को मालिकाना हक दे रही है। लेकिन सरकार ने इसके लिए एक नियम बनाया है। सरकार का कहना है कि केवल 100 गज जगह पर ही किराएदार को मालिकाना हक मिलेगा। यदि जमीन 100 गज से ज्यादा है तो उसकी रजिस्ट्री नहीं होगी। हालांकि पहले नगर निकाय की प्रॉपर्टी के लिए बनी स्वामित्व योजना में इसका जिक्र नहीं था। शहरों में किराए पर रह रहे लोगों का किराया नगर निकाय को दिया जाता था। जब मालिकाना हक के लिए रिकॉर्ड चेक किए गए तब पता लगा कि 1482 प्रॉपर्टी दूसरे महकमों की है। 1482 प्रॉपर्टी में जिला परिषद, पब्लिक हेल्थ, पंचायत स्वास्थ्य विभाग कि प्रॉपर्टी शामिल है। सरकार ने इस योजना में कुछ बदलाव किया है जिसके तहत अब इन लोगों को भी नगर निकाय के लिए बनी योजना में जोड़ दिया जाएगा।

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HARYANA SWAMITVA YOJANA : मालिकाना हक मिलने के बाद देना होगा प्रॉपर्टी टैक्स

सरकार का कहना है कि शहरों में काफी प्रॉपर्टी ऐसी है जिन पर लोग 2000 से पहले से किराए पर रह रहे हैं और यह लोग किराए के नाम पर केवल 100 और ₹200 तक देते हैं। इन लोगों को प्रॉपर्टी का मालिकाना हक मिलने की उम्मीद है। जब इन लोगों को प्रॉपर्टी का मालिक बना दिया जाएगा तब इनसे प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली की जाएगी। इसके अलावा डेवलपमेंट चार्ज लिया जाएगा जिससे सरकार को भी काफी फायदा मिलेगा।

HARYANA SWAMITVA YOJANA : कितने आवेदन हुए मंजूर और कितने हुए रद्द

काफी सारे लोगों ने प्रॉपर्टी का मालिकाना हक लेने के लिए आवेदन किया था। लगभग 16667 प्रॉपर्टी यूएलबी के पास है, इनमें से 9776 प्रॉपर्टी पर लोग पट्टा किराएदार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। 3272 की एप्लीकेशन योजना के तहत मंजूरी की गई है। विभाग द्वारा 2367 एप्लीकेशन को नामंजूर किया गया है। अभी तक 2645 एप्लीकेशन ऐसी है जिन पर कोई निर्णय नहीं हुआ है और 1482 प्रॉपर्टी दूसरे विभाग की हैं।

HARYANA SWAMITVA YOJANA : योजना में पेंच

सरकार ने 2021 में स्वामित्व योजना को शुरू किया था, जिसके तहत 2000 से पहले के लोग यानी कि जो 20 साल से ज्यादा से एक ही प्रॉपर्टी पर किराए के रूप में रह रहे हैं उनको मालिकाना हक दिया जाएगा। इसके लिए कीमत मौके पर तय कलेक्टर रेट निर्धारित होगी। इस योजना के तहत आवेदन दो चरणों में किए गए थे। पहले चरण में 1 जुलाई 2021 से 30 सितंबर 2021 के बीच आवेदन किए गए थे और दूसरे चरण में 1 जुलाई 2022 से लेकर 30 सितंबर 2022 तक आवेदन किए गए थे। नगर निकायों ने जब रिकॉर्ड को संभाला तो पता लगा कि 1482 ऐसी प्रॉपर्टी है जो उनकी नहीं है। यह प्रॉपर्टी दूसरे विभागों के नाम पर दर्ज है। इसलिए इन प्रॉपर्टी पर नगर निकाय मालिकाना हक नहीं दे पाएंगे।

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