HBSE ने कहा 10वीं-12वीं में स्कूल बदलने पर 1 से 3 हजार रु. फीस लगेगी , ऐसे नही बदल सकते SCHOOL यह फैसला हुआ रद्द

HBSE NEWS :हरियाणा शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन द्वारा नया फरमान जारी किया गया है जो दाखिले में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए उठाया गया है। इस फरमान के अनुसार अगर कोई 10 वीं 12 वीं में स्कूल बदलता है तो उसे कारण बताना होगा और फीस भरनी पड़ेगी।

Hbse ने भी अब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की तरह कक्षा 9वीं के बाद 10वीं और 11वीं के बाद 12वीं कक्षा में स्कूल बदलने पर नए नियम लागू किए हैं । जो अब पहले जिसे आसान नहीं है अब विद्यार्थी को स्कूल बदलने के लिए हरियाणा बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (एचबीएसई) से परमिशन लेनी होगी। और फिर फीस भरनी होगी। जो आपके बताए हुए कारण के अनुसार एक हजार से तीन हजार रुपए तक लगेगी।

HBSE

बता दें की इस संबंध में हरियाणा बोर्ड HBSE द्वारा सभी सरकारी प्राइवेट स्कूलों को नोटिस भेजा है। जिसके अनुसार यह आदेश 2023 शिक्षा सत्र से ही लागू होंगे । अगर कोई भी विद्यार्थी दूसरे स्कूल में 10वीं या 12वीं कक्षा में दाखिला के लिए जाता है तो उसका एडमिशन तब तक नही होगा जब तक संबंधित स्कूल को Hbse बोर्ड से ऑनलाइन मंजूरी नही लेगा।

HBSE बोर्ड ने इसलिए लिया फैसला

HARYANA बोर्ड की द्वारा यह फैसला फर्जी तरीके से लिए गए दाखिले को रोकने के लिए शुरू किया गया है। पिछले साल 2022 में HBSE SCHOOL में लगभग 868 स्टूडेंट्स द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दाखिला ले लिया था। HBSE बोर्ड ने कहा अगर कोई मंजूरी लेता है तो उस बच्चे की पिछले स्कूल में एसएलसी नहीं रोकी जा सकेगी।

कई बच्चे किसी ऐसी सरकारी नौकरी / विभाग में लगे होते हैं जहां से उनका ट्रांसफर होने पर विद्यार्थी को भी स्कूल बदलना पड़ता है। तो उन बच्चो को दूसरे स्कूल में एडमिशन लेने के लिए एक हजार रुपए फीस लगेगी।

और अगर कोई परिवार किसी कारण वश दूसरी जगह शिफ्ट होता है या बच्चे को हॉस्टल में भेजते हैं इसके साथ अगर कोई 10वीं या 12वीं में फेल होने के बाद इंप्रूवमेंट के लिए नए स्कूल में दाखिला लेना चाहते हैं तो। उनको 3 हजार रुपए तक फीस भरनी पड़ेगी।

बोर्ड का कहना है की बेहतर शिक्षा के लिए , स्कूल दूर होने पर या फिर स्वास्थ्य के कारणों से स्कूल को बदला जा सकता है लेकिन इसके लिए भी 3 हजार रुपए फीस अवश्य देना होगी।

Hbse बोर्ड का फैसला गलत :

हरियाणा के प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि यह फैसला बिल्कुल गलत है। क्योंकि जिस स्कूल में विद्यार्थी जा रहे हैं वह भी HBSE से ही संबंधित है। इस फैसले से बच्चों पर या स्कूलों पर फीस का आर्थिक बोझ बढ़ेगा। स्कूल में एक ही बोर्ड है तो यह फिर फालतू की फीस क्यों लागू की।

IMG 20230503 WA0018

Tags: ,

Leave a Reply