EXAM FAILURE SUICIDE : चंडीगढ़ :- दो-तीन दिन पहले 10वीं और 12वीं सीबीएसई बोर्ड का रिजल्ट अनाउंस किया गया है। रिजल्ट सुनकर काफी सारे घरों में खुशी का माहौल है तो काफी सारे घरों में दुख का माहौल है। क्योंकि जिन भी विद्यार्थियों ने काफी अच्छे अंक प्राप्त किए हैं। वह अपनी खुशी को धूमधाम से मना रहे हैं। लेकिन काफी बच्चे अच्छा रिजल्ट में पाने की वजह से डिप्रेशन में चले गए हैं। वही 12वीं की परीक्षा में एक विषय में कंपार्टमेंट आने से आहत छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। जब उनके परिजनों ने कमरे में बेटी को फंदे पर लटका देखा तो उन्होंने पुलिस को रिपोर्ट किया। सूचना मिलते ही पुलिस वहां पर पहुंच गई पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। आइए जानते हैं क्या है पूरी खबर।
EXAM FAILURE SUICIDE : सानिया ने कम नंबर आने से लगाया फंदा
गांव रसोई निवासी मोहम्मद मोहिनी ने बताया कि उनकी बेटी सानिया ने बिस्वामिल स्थित स्कूल में वाणिज्य संकाय में पढ़ाई की थी। हाल ही में उनका रिजल्ट घोषित हुआ है। रिजल्ट में पता लगा कि उनको एक सब्जेक्ट में कंपार्टमेंट आया है और उसे अंक भी काफी कम मिले हैं। उन्होंने 12वीं कक्षा में 45 फ़ीसदी अंक प्राप्त हुए हैं। इससे वह मानसिक तनाव में आ गई और कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर फंदा लगा लिया। परिवार के सदस्य उस समय कुछ काम से घर से बाहर गए हुए थे। लेकिन जब परिवार वाले घर लौटे तो उन्होंने कमरे में देखा कि उनकी बेटी ने फंदा लगा लिया है। बेटे ने अपनी मां को कम अंक आने की जानकारी दी थी। सूचना के बाद पुलिस मौके पर वहां पहुंची और शव को कब्जे में ले लिया पुलिस ने वहां पर फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट टीम को भी बुलाया और सभी सबूत इकट्ठा किए उसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
EXAM FAILURE SUICIDE : स्कूल में शिक्षक कम होने से उठाया कदम
सानिया के पिता मोहम्मद मोमिन का कहना है कि उनकी बेटी पढ़ने में ठीक थी लेकिन स्कूल में शिक्षकों की कमी थी, जिसके कारण वह अपनी पढ़ाई अच्छे से नहीं कर पाई। इस वजह से सानिया मानसिक दबाव में रहती थी। रिजल्ट आने पर पता लगा उनको कम अंक प्राप्त हुए हैं। इसलिए उन्होंने ऐसा कदम उठा लिया छात्रा को अंग्रेजी विषय में बामन बिजनेस स्टडी में 51 अकाउंट में 32 अर्थशास्त्र में 45 कंप्यूटर में 48 अंक प्राप्त हुए थे। उन्होंने सरकार से अपील की है कि बच्चों की शिक्षा पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देना चाहिए और स्कूलों में शिक्षकों की कमी को नहीं होने देना चाहिए ताकि बच्चों को पूरे साल अच्छे से शिक्षा मिल सके और अच्छे अंक प्राप्त कर सकें।