Small Saving Schemes : छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वालों को तोहफा, सरकार ने बढ़ा दिया ब्याज, आज से नए ब्याज दर हो जाएंगी लागू

Small Saving Schemes : अगर आप छोटी बचत योजनाओं में निवेश करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। ये नई ब्याज दरें कल यानी 1 अप्रैल, 2023 से लागू होंगी। ताजा अपडेट में सरकार ने अप्रैल-जून 2023 तिमाही के लिए छोटी बचत की ब्याज दरों में 70 बीपीएस (आधार अंक) तक की बढ़ोतरी की है। इससे वरिष्ठ नागरिक बचत योजना, राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, सुकन्या समृद्धि योजना, किसान विकास पत्र जैसी योजनाओं का लाभ मिलेगा।

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किन स्कीम्स पर कितना बढ़ा है ब्याज?

  • सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम पर ब्याज दर 8% से बढ़ाकर 8.2 % किया गया.
  • नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) पर ब्याज दर 7 से बढ़ाकर 7.7 पर्सेंट की गई.
  • सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर को 7.6 से बढ़ाकर 8 पर्सेंट किया गया.
  • किसान विकास पत्र पर 7.2 (120 महीने) से बढ़ाकर 7.5 (115 महीने) किया गया है.

सुकन्या समृद्धि में 8 फीसदी ब्याज मिलेगा

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट के लिए ब्याज दर 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.7 प्रतिशत कर दी गई है। वहीं, सुकन्या समृद्धि योजनाओं में निवेशकों को अब 7.6 फीसदी की जगह 8 फीसदी ब्याज दर मिलेगी.

छोटी बचत योजनाओं पर कैसे तय होती है ब्याज दर?

सरकार हर तिमाही छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में संशोधन करती है। ब्याज दरें क्या होंगी, यह इस बात पर निर्भर करता है कि इन योजनाओं के समान परिपक्वता वाले सरकारी बॉन्ड पर सरकार ने कितना लाभ कमाया है। श्यामला गोपीनाथ कमेटी ने सिफारिश की थी कि सरकार को बॉन्ड यील्ड से 25 से 100 बीपीएस ज्यादा होना चाहिए। सरकार ने पहली दिसंबर तिमाही में लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की थी। हालांकि, उस वक्त पब्लिक प्रॉविडेंट फंड और सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दरें नहीं बढ़ाई गई थीं।

PPF Interest Rate: पीपीएफ पर फिर मायूसी

सरकार ने इस बार सभी योजनाओं की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है लेकिन पीपीएफ की ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है। पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 फीसदी पर बरकरार रखी गई है.

रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद बढ़ी ब्याज दरें

आरबीआई ने फरवरी 2023 में लगातार छठी बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है और 6 अप्रैल को फिर से इसे बढ़ाने की बात चल रही है. बैंक भी एफडी पर ब्याज दरों को आकर्षक बना रहे हैं। ऐसे में इन योजनाओं की लोकप्रियता को बरकरार रखने के लिए सरकार को ब्याज दरों में बढ़ोतरी करनी पड़ी।

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