Business : पीपीएफ और आईपीएफ में से कौन सा है सबसे बेहतर ऑप्शन, बुढ़ापे के लिए कहां कर सकते हैं इन्वेस्ट

Business रिटायरमेंट प्लान :- अगर आप भी अपने बुढ़ापे को लेकर परेशान रहते हैं, तो सरकार द्वारा काफी सारी योजनाएं चलाई जाती हैं जहां पर आप पैसा इन्वेस्ट करके अपने बुढ़ापे को सिक्योर कर सकते हैं। अगर आप भी अलग-अलग योजनाओं में निवेश करना पसंद करते हैं तो आज हम आपको ऐसे दो योजना के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके माध्यम से आप शानदार रिटायरमेंट फंड पा सकते हैं, ताकि आप बुढ़ापे में आराम से पेंशन ले सकें। आइए जानते हैं क्या है योजना।

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Businessपीपीएफ और ईपीएफ में कर सकते हैं पैसा इन्वेस्ट

आप सब को पता है कि पैसा कमाना कितना मुश्किल है। लेकिन हम जवानी में मेहनत करके पैसा कमा सकते हैं परंतु एक उम्र के बाद पैसा कमाना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में अगर आप भी बुढ़ापे में सुकून भरी जिंदगी चाहते हैं तो आपको बुढ़ापे में भी फाइनेंसियल तौर पर स्ट्रांग रहना होगा। इसीलिए आपको पहले से ही रिटायरमेंट प्लानिंग कर लेनी चाहिए। वैसे तो सरकारी और प्राइवेट काफी सारी ऐसी एजेंसियां है जहां पर आप पैसा इन्वेस्ट करके अपने बुढ़ापे को सिक्योर कर सकते हैं। लेकिन आज हम आपके ऐसी 2 योजना के बारे में बताएंगे जहां पर आप पैसा इन्वेस्ट करके अच्छी खासी रकम प्राप्त कर सकते हैं। इन दो योजना में पहली योजना है पीपीएफ यानी पब्लिक प्रोविडेंट फंड और दूसरी योजना है ईपीएफ यानी कि एम्पलाई प्रोविडेंट फंड। अगर आप भी पीपीएफ या ईपीएफ में पैसा इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि कौन सा ऑप्शन आपके लिए बेहतर होगा।

Business : कौन कर सकता है इपीएफ में पैसा इन्वेस्ट

इपीएफ एक सैलरी इंडिविजुअल के लिए एक रिटायरमेंट बेनिफिट प्लान है। यानी कि नौकरी पेश लोग इस स्कीम में अपने पैसे को निवेश करके अपना रिटायरमेंट फंड तैयार कर सकते हैं, जबकि पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम का मुख्य उद्देश्य सभी इंडिविजुअल्स को रिटायरमेंट के बाद फाइनेंशियल सिक्योरिटी देना होता है।

Business : क्या है एंप्लोई प्रोविडेंट फंड के फायदे

अगर आप भी बुढ़ापे के लिए अपने पैसे को ईपीएफ में इन्वेस्ट कर रहे हैं तो इससे आपको काफी सारे फायदे होंगे।

  • ईपीएफ में सैलरी एंप्लाइज अपने पैसे को निवेश करके भविष्य के लिए एक अच्छा खासा Fund तैयार कर सकते हैं।
  • अगर आप की ईपीएफ में अपना पैसा इनवेस्ट करते हैं तो आपको सालाना 8.1 फ़ीसदी तक इंटरेस्ट ऑफर किया जाता है।
  • इपीएफ में कर्मचारियों का बेसिक सैलरी का 12 फ़ीसदी कंट्रीब्यूट होता है।
  • ईपीएफ में कंपनी और कर्मचारी दोनों को ही अपना 12-12 फीसदी कंट्रीब्यूट करना होता है।
  • कर्मचारी कंपनी से रिटायर होने के बाद या कंपनी से निकलने के बाद कभी भी अपना पैसा निकलवा सकता है।

पीपीएफ में निवेश करने के क्या होंगे फायदे

ईपीएफ में केवल नौकरी पेशा व्यक्ति ही इन्वेस्ट कर सकता है। लेकिन अगर हम पीपीएफ की बात करें तो पीपीएफ में कोई भी व्यक्ति अपने पैसे को इन्वेस्ट कर सकता है। पीपीएफ में पैसा इन्वेस्ट करने से निवेशक को काफी सारे फायदे होते हैं।

  • कोई भी आम व्यक्ति इस पॉलिसी में पैसा इन्वेस्ट कर सकता है।
  • पीपीएफ पर आपको 7.1 फीसदी तक सालाना ब्याज दिया जाएगा।
  • सरकार हर तिमाही के लिए ब्याज दरों की समीक्षा करती रहती है।
  • पीपीएफ अकाउंट में आप मिनिमम ₹500 से अपना खाता खुलवा सकते हैं।
  • पीपीएफ में 15 साल का लॉक इन पीरियड होता है। इस लॉक इन पीरियड को आप 5 साल के लिए आगे बढ़ा सकते हैं।

Business: लोन की भी मिलती है सुविधा

पीपीएफ अकाउंट पर लोन की सुविधा का लाभ मिलता है। अगर आप पीपीएफ अकाउंट में अपना पैसा डलवाते हैं तो आप 3 साल के बाद अपने पैसे पर लोन उठा सकते हैं, जबकि अगर आप ईपीएफ में ऐसा करते हैं तो आपको यह सुविधा नहीं दी जाती है। इपीएफ अकाउंट पर मेडिकल इमरजेंसी, मकान, चाइल्ड एजुकेशन आदि के लिए लोन लिया जा सकता है। अगर आप इपीएफ अकाउंट से पैसे निकलवाते हैं तो आपको कोई टैक्स नहीं भरना होता है। जबकि इपीएफ अकाउंट से अगर आप 5 साल के बाद पैसा निकल आते हैं तो आपको टैक्स देना होता है। 5 साल से पहले ईपीएफ में भी कोई पैसा टेक्स के तौर पर नहीं लगता है।

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