EPFO PENSION : ईपीएफओ में ज्यादा पेंशन पाने के लिए 3 मई से पहले कर सकते हैं आवेदन

EPFO PENSION : नई दिल्ली :- एंप्लाइज की भविष्य की सेटिंग को ध्यान में रखते हुए एंपलॉयर्स की सैलरी का 12% इपीएफ में कंट्रीब्यूट करना जरूरी होता है। ईपीएफ में केवल वही एंप्लोई अपनी सैलरी का 12% कंट्रीब्यूट करता है जिसकी प्रति महीना सैलरी 15000 या उससे ज्यादा है। employer-employee की पीपीएफ अकाउंट में 12 फ़ीसदी कंट्रीब्यूट करता है। अगर हम 1 सितंबर 2014 से पहले की बात करें तो उस समय ईपीएफओ का सदस्य बनने के लिए एंप्लोई के मामले में एंपलॉयर कंट्रीब्यूशन का 8.33 फ़ीसदी हिस्सा पेंशन स्कीम में चला जाता है। अगर व्यक्ति की मंथली इनकम 15,000 है तो उसके ईपीएफओ में ₹1250 डाले जाते हैं, बाकी पैसा प्रोविडेंट फंड में जाता है। 1 सितंबर 2014 के बाद इपीएफ स्कीम में शामिल होने वाले एंपलॉयर्स को पेंशन में किसी तरह का कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं करना होता है।

EPFO PENSION ईपीएफओ में ज्यादा पेंशन पाने के लिए 3 मई से पहले कर सकते हैं आवेदन

EPFO PENSION : 1996 में हुआ था संशोधन

1996 में एक संशोधन किया गया था जिसके तहत एंपलॉयर्स के कंट्रीब्यूशन के मौके को इस्तेमाल करने पर ज्यादा सैलरी को पेंशनेबल सैलरी कहा जाता था। अगर किसी एंप्लॉय की सैलरी ₹100000 है तो वह पेंशन अकाउंट में 8.33 फ़ीसदी के हिसाब से ₹8333 कंट्रीब्यूट कर सकता था। 1 सितंबर 2014 से पहले स्टैचुअरी वेज सीलिंग ₹6500 थी, यह संशोधन जब किया गया था। इसके बारे में एंपलोएस को ज्यादा जानकारी नहीं दी गई थी। जो भी एंप्लोई इस ऑप्शन का इस्तेमाल करते थे उनके एप्लीकेशन को प्रोविडेंट फंड अथॉरिटीज रिजेक्ट कर देते थे ।अगर एंप्लॉय पूछते थे तो बताया जाता था कि इसकी समय सीमा खत्म हो गई है।

EPFO PENSION : ज्यादा पेंशन के लिए 3 मई से पहले कर सकते हैं अप्लाई

एंपलॉयर्स को बताया गया कि जो एंप्लॉय ज्यादा पेंशन के लिए कंट्रीब्यूट करना चाहते हैं, वह ईपीएफओ को नया एप्लीकेशन दे सकते हैं। एंपलोएस को यह एप्लीकेशन 1 सितंबर 2014 से 6 महीने के अंदर देना होता था। उस समय एंपलॉयर्स के एप्लीकेशन को ऑफिसर रिजेक्ट कर रहे थे। इस वजह से एम्पलॉइस इस ऑप्शन को कम इस्तेमाल कर रहे थे।

EPFO PENSION : 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने लिया फैसला

2022 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लिया कि सितंबर 2014 में जारी किए गए संशोधन नोटिफिकेशन एक वैल्यूड नोटिफिकेशन था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का असर निम्नलिखित एंपलोएस पर पड़ा है जो एंप्लॉय ज्यादा सैलरी पर पीएस में कंट्रीब्यूशन कर रहे हैं और जो सर्विस से 1 सितंबर 2014 को या उसके बाद रिटायर हो गए हैं या अब भी सर्विस में है और जिन्होंने 22 अगस्त 2014 के नोटिफिकेशन के आधार और ज्यादा सैलरी पर पेंशन में कंट्रीब्यूशन के ऑप्शन का इस्तेमाल नहीं किया है ।

  1. पहले के पीरियड के कंट्रीब्यूशन के लिए एंपलोएस एंपलॉयर के साथ एक जॉइंट एप्लीकेशन दे सकते हैं। यहां पर अमाउंट में जो फर्क आएगा उसको ईपीएफ से आईपीएस में डाइवर्ट करने की गुजारिश होगी।
  2. जो भी एम्पलॉइस ज्यादा पेंशन के लिए अप्लाई करेंगे उनको 1.16 फ़ीसदी कॉन्ट्रिब्यूशन को एंप्लोई के प्रोडक्ट फंड कंट्रीब्यूशन से पेंशन स्कीम में ट्रांसफर किया जाएगा।
  3. इसके लिए जॉइंट एप्लीकेशन देने के वास्ते समय सीमा 3 मई 2013 तय की गई है।
  4. उपयुक्त प्रावधान प्राइवेट पीएफ ट्रस्ट्स पर भी लागू होंगे।
  5. जो भी एंप्लोई अगर एक बार इस ऑप्शन का इस्तेमाल कर लेगा उसको बाद में बदलने का मौका नहीं दिया जाएगा।
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